हिंदी भजन एवं गीतों के लिरिक्स : भजन साधना

ओ यो झिरमिर इंद्र बरसे’ – बाबा रामदेवजी के दर्शनों की आस, सावण माह की भक्ति, और रुणीजा यात्रा का जीवंत चित्रण करता राजस्थानी लोकभजन।

पैदल पैदल राम देवरे चाला बाबा रामदेव जी के भजन लिरिक्स

पैदल पैदल राम देवरे चाला बाबा रामदेव भजन लिरिक्स ओ यो झिरमिर इंद्र बरसे सावण रो लाग्यो मास, बाबे रा दर्शण करस्यू मनड़े में जागी आस, पैदल पैदल चालां ला भंडारा में जीमा ला, गुण बाबा रा गावां ला राम रुणिचा जावां ला भाई, भगतां रा टोळा जावे जयकारा लागे आकड़ काकड़ मांय।।1।। बाबो म्हारे सपने आयो ढलतोड़ी मांझल रात, घोड़ालो सपने आयो ढलतोड़ी वो ठंडी रात, धोली धज्जा ले लूं हाथां म भजन सुणवू बातां म, आकड़ काकड़ गेला में चाला आपा मेला म, बाबे रे लीला वारी भंडारा लाग्या ठोड़ ठोड़।।2।। ओ यो सावण सुरंगो लाग्ये भगति रो वो भादवो मास, बाबे री बीज आयी नेड़ी चालां रुणीजा रे मांय, राम सरोवर न्हावां ला डुबकी लगावा ला, बाबा ने मनावां ला चरणां धोक लगावा ला, ऊँचोड़ी री थलियां बैठां माता मैणा दे लाल, म्हारा रुणीचा रा नाथ।।3।। ओ यो घड़ घड़ इंद्र गाजे मेवड़लो बरसे जोर, बागां में

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म्हारो तेजल चाल्यो सासरे’ – एक राजस्थानी लोकगीत जिसमें तेजल के सासर-घर जाने की कथा, पारिवारिक संघर्ष और ग्रामीण रिश्तों की जटिलता को दर्शाया गया है।

म्हारो तेजल चाल्यो सासरे तेजाजी भजन लिरिक्स

म्हारो तेजल चाल्यो सासरे तेजा जी भजन लिरिक्स म्हारो तेजल चाल्यो सासरे, ले लीलण चढग्यो जाट रे, अरे लीलण ने खड़ दीनी, तेजल ढलती मांझल रात ने, अरे लीलण ने खड़ दीनी, सूरो ढलती मांझल रात ने हे कोई जावे रायमल जी वाली पोळ, तेजल ऊबो महल में, तेजल ऊबो महल में।।1।। अरे काळा रा खायेड़ा, कुण आयो म्हारे आंगणे, अरे कड़वा बोल सासू बोल्या, लाग्या कोरे कालजे, अरे कड़वा बोल सासू बोल्या, लीलण पाछी चाल ये, कोई नुगरां री धरती रो वासो, आज लीलण आपा नाहीं करां।।2।। अरे पेमल जोड़े हाथ रे, परणया रुक जावो रात रे, अरे लाछां गुजरकी रोती आयी, गवाड़ी रे मांयने, हे कोई छतरी होवे तो बेगा आव, गायां म्हारी मेणा लेगा।।3।। अरे नागौरी ओ सूरो चढग्यो, गायां वाली वार में, अरे काळा ने बम्बी पे, वचन दे दिनो ओ जाट रे, हेे कोई मारया मेणा ने तेजा जाय रे, ल्यो गायां लाछा री।।4।। अरे

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घूमबा दे बाबा थारा घोड़ा ने’ भजन में बाबा रामदेवजी की रुणीजा यात्रा, चमत्कार और भक्तों को दर्शन देने की महिमा गाई गई है।

घूमबा दे बाबा थारा घोडा ने दर्शन दे दे रे भगत भजन लिरिक्स

घूमबा दे बाबा थारा घोडा ने दर्शन दे दे रे भजन लिरिक्स घूमबा दे बाबा थारा घोड़ा ने, दर्शन दे दे रे भगत आयोड़ा ने, घूमबा दे बाबा थारा घोड़ा ने, घूमबा दे बाबा थारा घोड़ा ने।।1।। एक दिन घोड़ो बाबा सरवर तीरां घूम्यो, थे डूबता न तार्या बाण्या बोयता ने, घूमबा दे बाबा थारा घोड़ा ने, दर्शन दे दे रे भगत आयोड़ा ने, घूमबा दे बाबा थारा घोड़ा ने, घूमबा दे बाबा थारा घोड़ा ने।।2।। एक दिन घोड़ो बाबा पोकरणा में घूम्यो, थे तो मार तो गिराया रे भैरुंड़ा ने, घूमबा दे बाबा थारा घोड़ा ने, दर्शन दे दे रे भगत आयोड़ा ने, घूमबा दे बाबा थारा घोड़ा ने, घूमबा दे बाबा थारा घोड़ा ने।।3।। एक दिन घोड़ो बाबा पूंगलगढ़ में घूम्यो, थे रुणीजा में लाया बाई सुगणा ने, घूमबा दे बाबा थारा घोड़ा ने, दर्शन दे दे रे भगत आयोड़ा ने, घूमबा दे बाबा थारा घोड़ा ने, घूमबा

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सांवरिया यार मेरा’ एक भक्तिपूर्ण गीत है, जिसमें श्याम प्रभु की संगति, करुणा और प्रेम को हर कदम पर अनुभव किया गया है।

कदम कदम पर साथ मिला खाटू श्याम भजन लिरिक्स

कदम कदम पर साथ मिला खाटू श्याम भजन लिरिक्स कदम कदम पर साथ मिला, सांवरिया मेरा यार मिला। रहे कदम रहे कदम, हो रहे कदम कदम पे एहसास, सांवरिया यार मेरा, यार मेरा दिलदार मेरा, मेरा पकड़ा है इसने हाथ, सांवरिया यार मेरा। कदम कदम ऐसा सांवरिया यार मेरा, सावरिया यार मेरा। इसके रहते हार ना होती, मुझको मिल गए हीरे मोती, कदम कदम पर साथ दिया, सांवरिया मेरा यारिया। ये सुनता है दिल की बात, सांवरिया यार मेरा, रहे कदम ऐसा सावरिया यार मेरा। मैंने श्याम से प्रेम बढ़ाया, जो भी चाहा श्याम से पाया, मेरे सुधर गए हालात, सांवरिया यार मेरा, रहे कदम ऐसा सावरिया यार मेरा। राहों के कांटे चुन लेता, फूलों से राहें भर देता, करुणा की बरसात, सांवरिया यार मेरा, रहे कदम ऐसा सावरिया यार मेरा। पन्नों का ये मीत है प्यारा, चौखानी को देता सहारा, ये दीनों का दीनानाथ, सांवरिया यार मेरा, रहे कदम

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दिखादे मेलो रुणिजा रो रुणिजा मेले का सुंदर दृश्य, जहां पारंपरिक रीति-रिवाज और संस्कृति जीवंत हो उठते हैं।

दिखादे मेलो रुणिजा रो भजन लिरिक्स

दिखादे मेलो रुणिजा रो भजन लिरिक्स जेठ जी भी जावे ढोला जेठानी जी जोवे देवर जी जावे ढोला देवराणी जी जावे जावे छोटकी ननद ढोला साथ दिखादे मेलो रुणिजा रो खड़ी होले पेली गौरी चाय तू बनादे तिसाया है बैल आने पाणीड़ो पिलादे दोन्यू चालां गौरी ये खेतां माय रुणिचा कांई लेवण जासी तन कुण तो बहकागो म्हारी नार जेठाणी के छोरो देवराणी के छोरी पांच बरस से सूनी गोद मेरी म्हे बाबो ने बतास्यूं सारो हाल दिखादे मेळो रूणिजा रो आछी तो लागी सयाणी तेरी ये बातड़ी आके को काढा ला मोठ बाजरी दोन्यू पाळा पाळा चालां घरनार लगास्या घोक रुणिचा री।

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जयकारा मेरे श्याम का भजन के सुंदर हिंदी लिरिक्स

जयकारा मेरे श्याम का बोल दो भजन लिरिक्स

जयकारा मेरे श्याम का बोल दो भजन लिरिक्स बोल दो जयकारा मेरे श्याम का, सुख बाबा देगा चार धाम का, बोल दो जयकारा मेरे श्याम का, सुख बाबा देगा चारों धाम का। उसको सहारा श्याम का मिलता, जो है दीवाना घनश्याम का। बोल दो जयकारा मेरे श्याम का, सुख बाबा देगा चारों धाम का, खाटू वाला श्याम नीले पे आए, प्रेमी जब भी पुकारे, हार ना सकता वो इस जहां में, श्याम है जिसके रे। श्याम शरण में जो जन आया, जिए वो जीवन राम का, बोल दो जयकारा मेरे श्याम का, सुख बाबा देगा चारों धाम का। मेरे दिल की धड़कन हो तुम, ऐसा तुमसे नाता है। जिसके संग में श्याम सावरिया, वो ना भी घबराता है, शीश का दान दिया है जिसने, मैं हूं सेवक उस श्याम का, बोल दो जयकारा मेरे श्याम का, सुख बाबा देगा चारों धाम का। श्याम नाम में शक्ति ऐसी, जो जपता सो

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फिर से आ गया! खाटू वाले बाबा का जादू, ऐसा छा गया कि दिल में बस यही एक भावना है - बाबा के दरबार में शांति और प्रेम की लहर आ गई।

जादू तेरा खाटू वाले ऐसा छा गया भजन लिरिक्स

जादू तेरा खाटू वाले ऐसा छा गया भजन लिरिक्स फिर से आ गया… फिर से आ गया… फिर से आ गया… फिर से आ गया… जादू तेरा खाटू वाले ऐसा छा गया, जादू तेरा खाटू वाले ऐसा छा गया। फिर से मैं, फिर से, फिर से, फिर से, फिर से खाटू आ गया। मैं फिर से, फिर से, फिर से, फिर से खाटू आ गया। याद में तेरी चैन खो गया, नींद ना आती है, यूं लगता खाटू की गलियां मुझे बुलाती हैं बाबा। याद में तेरी चैन खो गया, नींद ना आती है, यूं लगता खाटू की गलियां मुझे बुलाती हैं। दर्शन का जसका मुझको कुछ ऐसा लग गया, दर्शन का जसका मुझको कुछ ऐसा लग गया। फिर से मैं, फिर से, फिर से, फिर से, फिर से खाटू आ गया। मैं फिर से, फिर से, फिर से, फिर से, खाटू आ गया। दिल होता है उदास अगर तो

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राजस्थानी भजन जो बाबा रामदेव जी महाराज की महिमा का गुणगान करता है। इस भजन में उनकी दिव्य उपस्थिति, शक्ति, और भक्तों के प्रति उनकी करुणा का सुंदर वर्णन किया गया है।

हुकुम करो तो धणी आवां थारे देवरा भजन लिरिक्स

हुकुम करो तो धणी आवां थारे देवरा भजन लिरिक्स हुकुम करो तो धणी आवां थारे देवरा नीत उठ बगड़ बुहारां वो महाराज दुनिया में देव वो द्वारका रा राजा आज रामा नीलो नीलो घोड़ो ऊपर सोहन साटक्यां भळ भळ भालो हाथ लियो जी आप चढ़ो न पकड़ पागड़ा होज्यो रे सवार हरजी पकड़ पागड़ा धिन हो मेणादे थांकी माई वो महाराज आप कंवर बिरम दे जैसा भाई वो महाराज आज रामा खीर खांड वाला अमृत भोजन सोना वाला थाळ परुषां वो महाराज आप जीमो न हरजी झारी भर लावे वो देवरा में जोत सवाई वो महाराज दुनिया में देव हो थे द्वारका रा राजा आज धणी के हिंगलू पाया को ढालां ढोलिया रेशम बाण तणायी वो महाराज आप कंवर बिरम दे जैसा भाई वो महाराज आप पोढ़ो न महाराज हरजी ढोले बायरा आज रामा हरि का शरणा में भाटी हरजी बोल्या पाना वाला वंश बढ़ायी वो महाराज हुकुम करो तो

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