राम कुटिया में पधारे, मेरे हो गये वारे-न्यारे भजन लिरिक्स
जय जय राम! जय जय राम!
कौशल्या के आंखों के तारे,
है राजा दशरथ के राज दुलारे,
रघुनंदन जिन्हें कहती है दुनिया,
जिनकी शरण में रहती है दुनिया,
मेरी कुटिया में पधारे,
राम कुटिया में पधारे,
मेरे हो गये वारे-न्यारे।
जय जय राम! जय जय राम!
आज मेरी कुटिया के,
सोये भाग जागे,
रामजी के पग मेरी चौखट पे लागे रे,
कहां मैं बिठाऊंगी,
क्या मैं खिलाऊंगी,
झूठे बेर टोकरी में क्या वहीं खिलावूं।
मेरी कुटिया में पधारे,
राम कुटिया में पधारे,
मेरे हो गये वारे-न्यारे...
जय जय राम! जय जय राम!