गज मुख गौरी लाल सबको भा गये, मूषे पे सवार होके गणपत आ गये
जय गौरी लाल! जय गौरी लाल।
गज मुख गौरी लाल सबको ही भा गये,
मूषे पे सवार होके गणपत आ गये,
सर पे मुकुट है निराली,
बड़ी शान है गज मुख सुन्दर,
यहीं तो पहचान है,
जिसने भी देखा मन उसके ही भा गये.
मूषे पे सवार होके गणपत आ गये,
गण्पत देवा किया बड़ा उपकार है,
बाबा तेरी सेवा देती जीवन संवार,
करने भी दीदार चले देवता भी आ गये.
मूषे पे सवार होके गणपत आ गये,
माही है मगन हुआ खुशियां मना रहा,
गणपति बप्पा के जयकारे वो लगा रहा,
खुशियों मेघा आज अंगना में छा गये.
मूषे पे सवार होके गणपत आ गये,