मंद मंद मुस्कनिया तोरी,
नैनों से बांधे प्रीत की डोरी,
रुप सुहाना ऐसे लागे,
हाथ में तेरे बंसी साजे,
घुंघरालु तेरे लाल,
मेरे बांके बिहारी लाल,
तुम इतना ना करियो श्रृंगार,
नजर लग जायेगी...
नंद के लाला मेरे है गोपाला,
खोले है ये सबके किस्मत का ताला,
तुझमें बसती है मेरी जान,
तुम इतना ना करियो श्रृंगार,
मेरे बांके बिहारी लाल,
तुम इतना ना करियो श्रृंगार,
नजर लग जायेगी...
तोरे बिना मोरा मन ना लागे,
दे दो दर्श मेरी तरसी है आंखें,
कभी आवो न मेरे द्वार,
मेरे बांके बिहारी लाल,
तुम इतना ना करियो श्रृंगार,
नजर लग जायेगी...